
आज से ठीक 10 साल पहले, 22 July 1999 को, हम लोग एक confused choice (ज़्यादातर के लिए) के चलते एक बहुत बडी युनिवर्सिटी के बडे बडे होस्टलों में घुसे थे. उस समय तो रैग़िंग भी होती थी (strip शब्द मैंने वहीं सीखा, सबसे पहले दिन ही) और इस महीने में बारिश भी (अब सुना है दोनों ही नहीं होते). अगले चार साल सबने कुछ ना कुछ पाया, ना चाह्ते हुए भी काफी कुछ सीखा, बहुतों ने ज़िन्दगी भर के रिश्ते बनाए, बहुतों ने ज़िन्दगी भर की समझ.
आज ऐसे ही मन किया कि सबको याद कर लिया जाए, सीधे बात कर के ना सही तो एक चिट्ठी जैसा भेजकर (वैसे हम जब BHU पहुँचे थे, तब ईमेल भी नहीं था. हम सच में अपने-अपने घरों में चिट्ठी लिखते रहने का वादा कर के आए थे) एक 'landmark-type' चीज़ को celebrate कर लिया जाए. वैसे नंबर उतने मायने नहीं रखते (BHU ने ये भी सिखाया है) पर फिर भी दस साल काफी होते हैं ये मानने के लिए कि एक लंबा वक़्त बीत चुका है और मुड के देखने के लिए काफी है.
भले ही पूरे 500 लोगों के बैच में मेरा सबसे रिश्ता नहीं रहा, शायद बहुत से लोग होंगे जो मुझे या मैं उन्हें नहीं पहचानता हूँ, पर सच यही है कि उन चार सालों में, हम लोग एक ही दायरे में, एक ही हवा-पानी-VT के इर्द-गिर्द, एक सी उम्मीदें, बेवकूफियाँ, और साइकिलें लिए उन्हीं गिनी-चुनी सडकों पर चल रहे थे. '99' के नाम से ही हम शुरु होते थे और 500 टुकडों में होने के बाद भी, 99 की कडी हमें जोड देती थी.
तो एक नंबर के ज़रिए मैं सिर्फ उस चीज़ को ही याद कर रहा हूँ जो नंबर-less है - वहाँ के 4 साल, जो आज शुरु हुए थे. लग रहा है अचानक से उतना ही kiddish, sentimental सा बयान हो गया जैसा उस समय हो सकता था. पर आज, I don't mind that.
1999-2003 वालों...मुबारक!
- वरुण (990320)